30 May 2009

शाकाहार 6

सारी समस्या की जड़

आखिर ये सारी समस्या क्यों और कैसे उत्पन्न हुई? क्योंकि इन मलेच्छों के धर्म में गाय या सूअर जैसी कोई समस्या तो है नहीं। और दूसरी बात- जैसे ही यह लोग धर्म स्वीकार करते हैं, मसीहा इनके सभी पाप अपने ऊपर ले लेते हैं। बस जो जी में आए करो। इनके बहुत से मिश्रित मसालो में गाय के भेज़े का चूर्ण या अण्डे के छिलके का चूर्ण, सूअर की चर्बी का चूर्ण या किसी अन्य पशु का चूर्ण होता है। ये इस बात की बिलकुल भी परवाह नहीं करते कि कोई हिन्दू या मुसलमान भी इनके उत्पाद को अंजाने में खा सकता है। यदि इनके किसी खाद्य उत्पाद पर आप (ingredients or contains में) सब कुछ साधारण देखे मगर लिखा हो “मसाले” तो सवधान हो जाएँ। क्योंकि हमारे भगवान उनके मसीहा जैसे दयालु नहीं हैं, कि सारे पाप अपने ऊपर ले लें।


पश्चिम के प्रताप से केक का बाजार बढता ही जा रहा है। और केक में जेलेटिन का उपयोग अभी भारत के फ़ैशन में है। हालांकि आमतौर से सभी मीठे ब्रॆड और केक मरगारीन से युक्त होते हैं। लोग आमतौर से समझते हैं कि संस्कार हीन या अधकच्चे मक्खन को मरगारीन कहते हैं। लेकिन सच्चाई कुछ और है, जिस प्रकार भारत में कुछ लोग भैंस और सूअर की चर्बी को दूध में मिलाकर दूध की वसा को बढ़ाते हैं। उसी प्रकार विदेशों में भी होता है लकिन वहां भैंस तो होती नहीं इसलिए गाय और सूअर की चर्बी दूग्ध-उत्पादों में मिलाते हैं, विशेष रूप से मरगारीन में। हमेशा याद रखें कि भारत में बिकने वाला दूध, दही, पनीर और मिठाई ही भारतीय हो सकते हैं। घी, मक्खन, चीज़ और मरगारीन आदि भारत में बिकने वाले ज्यादातर डिब्बाबन्द या फॆक्ट्री दुग्ध उत्पादों के लिए कच्चा माल विदेशों से ही आता है।


इसलिए आप बेशक भारतीय दुग्य उत्पाद खरीद रहे हैं लेकिन वास्तव में डिब्बा मात्र ही भारतीय है। डिब्बे के अन्दर का दुग्ध-उत्पाद भारतीय हो यह बहुत दुर्लभ बात है। मैं यह नहीं कहता कि शुद्ध भारतीय दुग्ध-उत्पाद शुद्ध हैं लेकिन विदेशी उत्पादों में धोखे की अधिक संभावना है।


यदि हम इस सिद्धान्त को मानते हैं कि- गाय के शरीर की ऐसी संरचना है कि उसका खाया हुआ चारा सीधे दूध में बदल जाता है। इसलिए भी हमें विदेशी दुग्ध-उत्पाद का त्याग करना चाहिए क्योंकि विदेशों में गाय को मांसाहारी चारा भी दिया जाता है।

सारी समस्या की जड़ पश्चिमी सभ्यता ही है अतः उनके खाद्य उत्पादों का तुरन्त त्याग करें। विशेष रूप से विदेशी दुग्ध-उत्पादों से दूर रहें।……..इससे आगे यहाँ पढ़ सकते हैं तथा इस लेख के पिछले अंश यहाँ पर पढ़ें जा सकते हैं।

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